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Showing posts from June, 2020

SATWINDER KAUR & KULDIP SINGH SAINI

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SATWINDER KAUR & KULDIP SINGH SAINI (Civil Engineer & Ex Teacher Jalandhar) मैंने, १९८५ में अपनी स्नातक, सिविल इंजीनियरिंग में पूरी की। एक वर्ष तक, उसी कॉलेज में लेक्चरर के तौर पर काम किया। उसके बाद पब्लिक सर्विस कमिशन के माध्यम से डिविजनल इंजीनियर के पद पर पंजाब सरकार के साथ काम करने लगा। उसके बाद मुझे पदोन्नति की वजह मे, वाटर सप्लाई डिपार्टमेंट में एग्जीक्यूटिव इंजीनियर का पद मिला। १९९० में, मेरी सतविंदर से शादी हुई, जो साइंस की शिक्षिका हैं। हमारी एक बेटी सुनंदिता और एक बेटा, प्रकाश है। नौकरी के १४ वर्ष बाद मुझे अच्छा वेतन मिल रहा था। लेकिन ये केवल दिखाने के लिए था। हमारा जीवन समझौतों से भरा हुआ था। नौकरी में काम करना बहुत मुश्किल था, और कभी-कभी प्रतिष्ठा से भी समझौता करना पड़ता था। हमने कनाडा के परमानेंट इमीग्रेशन के लिए अप्लाई किया।और इ-कॉमर्स और फ्रेंच भी सीखना शुरू कर दिया, जिससे हम ठीक से कनाडा में मेटल हो सकें। इस दौरान, मेरे ससुर श्री केवल सिंह, जो रिटायर्ड प्रिंसिपल है, के माध्यम से हमारी डायरेक्ट सैलिंग बिज़नेस / व्यवसाय से पहचान हुई । Bww सिस्टम के द्...

Anurag & Nidhi Agarwal

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Anurag & Nidhi Aggarwal   (MBA Students Ghaziabad (U.P.)  मेरी पत्नी  निधि, एक उद्योगपति परिवार से हैं, लेकिन मैं, एक ऐसे परिवार से हूँ, जहाँ सभी सर्विस में हैं। वास्तव में, मैं अपने परिवार में पहला और इकलौता व्यवसायी हूँ। मेरी एम. बी. ए. की पढाई के दौरान, मैं निधि से मिला। मेरी योजना यु, एस. जाने की थी, लेकिन निधि, भारत में ही रहना चाहती थीं। इसीलिए हमनें अपना भविष्य यहीं बनाने का फैसला लिया। उस समय, मेरे सामने सबसे बड़ी चुनोती, कुछ बड़ा करने की थी, जिससे निधि के परिवार के सामने, मैं अपनी छवि अच्छी बना सकूँ । मैंने एक बेहतर और मुरक्षित भविष्य के लिए द्रण संकल्प किया, क्योंकि मैंने उन परिवारों को देखा था, जो आर्थिक रूप से कमजोर थे निधि उन समस्याओं से भली-भाँति परिचित थी, जिनका सामना एक व्यक्ति को, पारंपरिक व्यवसाय में करना पड़ता है- आर्थिक अस्थिरता। जब निधि, अपनी स्नातक पूरी कर रही थीं, उन्होंने अपने पिता को खो दिया। वो बहुत ही कठिन समय का सामना कर रही थीं, और आर्थिक परेशानियों ने उनकी समस्या को और भी बड़ा कर दिया। जब मैं, एम. बी. ए. के तीसरे सेमिस्टर में ...

SUMEET & TANYA BAHADUR

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SUMEET & TANYA BAHADUR (Computer Engineers, New Delhi) सुमित एवं तान्या, दोनों ही कंप्यूटर इंजिनीयर्स हैं, और उन्होंने अपनी मास्टर डिग्री यु. एम. से पूरी की। सुमित ने, आई.आई.टी. देहली से अपनी मानक डिग्री, कंप्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग में पूरी की और तान्या, कीव टेक्निकल इंस्टिट्यूट से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में स्नातक हैं। यूनाइटेड स्टेट में, यूनिवर्सिटी में पढ़ाई के दौरान, इन दोनों की मुलाकात हुई। वे दोनों, वहाँ अपने तनाव मुक्त जीवन का सपना, पूरा करने के लिए गए थे। लेकिन अपने अपने करियर में उन्हें महसूस हुआ कि, कंप्यूटर कंसलटेंट के तौर पर उनकी नौकरी, हर दिन उन्हें एक दूसरे से दूर ले जा रही थी। मलेशिया के एक सहकर्मी द्वारा, उनका इस व्यवसाय से परिचय हुआ। इस व्यवसाय को समझने के बाद, तान्या आस्वस्त थीं कि, यही वो अवसर है, जिसकी उन दोनों को, उनके जीवन में तलाश थी। सुमित ने इस व्यवसाय से जुड़ने में कुछ समय लिया, लेकिन एमवे कारपोरेशन की प्रतिष्ठा और डायमंड और उससे बड़े लोगों की प्रोफाइल देखने के बाद, वे भी इस व्यवसाय के प्रति आस्वस्त हो गए। वे कई सेमिनार में शामिल हुए और ...

MANIPAL & RENUKA REDDY

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MANIPAL & RENUKA REDDY (Computer Consultants, Hyderabad, Andhra Pradesh) हम दोनों की ही, हैदराबाद, इंडिया में पले-बढ़े होने की, बहुत अच्छी यादें हैं। जैसा कि इंडिया में सामान्य है, रेणुका एक बहत बड़े परिवार का हिस्सा रही हैं। मैं एक छोटे घर में, अपने चार भाइयों के साथ पैदा हुआ, और अपने परिवार के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध हूँ। हम दोनों ही पेशे से इंजीनियर थे, और महत्वाकांक्षी थे। न्यू जर्सी इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी से, कंप्यूटर साइंस में अपनी मास्टर डिग्री करने के लिए बे, १९८५ में यूनाइटेड स्टेट्स आ गए। वर्ष १९९८ में, जब हमारे मित्र, सुधीर एवं सुलभा सोलापुरकर ने हमें इस व्यवसाय से परिचित कराया, तब हम अपने टेलीकम्यूनिकेशन करियर में बहुत सफल थे, और एक बहुत अच्छा वेतन प्राप्त कर रहे थे। मैंने ये अवसर देखा और जिम्मेदारी ली। आज, देश में और विदेशों में हमारा एक बहुत बड़ा आर्गेनाईजेशन है। वर्ष १९९० में, प्लैटिनम बनने तक मैंने, अकेले ही, इस व्यवसाय को बढ़ाया, उसके बाद रेणुका भी इस व्यवसाय से जुड़ गयीं। साथ काम करते हुए, जून १९९४ में हम 'रूबी' और फिर अगस्त १९९६ में डायम...

Dr. Harbhajan & Dr.Mohinder Braich

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Dr. Harbhajan & Dr.Mohinder Braich (Former Physicians, Jalandhar - Punjab) "आइलैंड ऑफ़ फाइव रिवर" और इंडिया के सबसे अमीर और शानदार राज्यों में से एक, ट्रिपल डायमंड और फाउंडर कॉउन्सिल मेंबर, डॉ. हरभजन एवं डॉ. मोहिंदर का घर है। इन दोनों मफल डॉक्टर्स ने आनी रोजाना की ज़िन्दगी से परेशान होकर, व्यवसाय के माध्यम से आर्थिक और निजी स्वतंत्रता पाने के लिए, अपनी नौकरियां छोड़ दी। उन्होंने, पंजाब के एक मध्यम वर्गीय परिवार में, मेहनती माता पिता के घर जन्म लिया। बचपन से ही डॉक्टर बनने की इच्छा की बजह मे, दोनों ने ही अपनी एम. बी. बी. एस पूरी बार ली। वर्ष १९७० में उन्होंने शादी कर ली, और उसके बाद वे दो बजों, लवलीन एवं हरलीन के माता पिता बन गए। लवलीन और हरलीन भी इसी व्यवसाय में हैं, और एक सफल एवं स्वतंत्र जीवन का आनंद ले रहे हैं। १९७० में हरभजन और मोहिंदर ने खुद का अस्पताल खोला और दिन रात मेहनत करके आर्थिक रूप से मजबूत हो गए। अच्छी आमदनी होने के बावजूद भी वे, दिमागी तौर पर संतुष्ट नहीं थे। उन्हें लगा कि, उनके पास पैसा तो है, पर जीवन का आनंद लेने के लिए समय नहीं है। पुराने स...

Raj & Sangita Shah

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Raj & Sangita Shah (Computer Consultant & Accountant, Vadodara, Gujarat) राज और उनकी पत्नी, संगीता दोनों ही बड़ोदा, इंडिया के रहने वाले हैं। जब राज १५ वर्ष के थे, तब उनका सपना था कि, वे अपने परिवार और उनके साथ लोगों का जीवन बदल देंगे। बिजनेस में अपनी डिग्री पूरी करने के बाद, राज अपनी पढ़ाई जारी रखने के लिए अमेरिका आ गए, और वहां से कंप्यूटर साइंस में मास्टर डिग्री ली। कुछ वर्ष पहले, जब मंगीता छोटी थीं, उनके माता पिता न्यू जर्सी आ गए| अपनी शिक्षा और लगन से, राज और संगीता दोनों ही एक बड़े कारपोरेशन में, अच्छी आमदनी वाली नौकरी में थे। उनकी आमदनी अच्छी थी, और जीवन भी बेहतर था, लेकिन कुछ कमी थी। राज को १-५ का सिस्टम पसंद नहीं था। संगीता के लिए भी कॉर्पोरेट वर्ल्ड में सार्थक जीवन नहीं था। वे अपने परिवार को बढ़ाना चाहते थे लेकिन अपने करियर को जारी रखने के लिए, उन्हें बेबीसिटर पर निर्भर होना पड़ता।  वे जानते थे कि कहीं कुछ बेहतर हैं। संगीता के पिता ने, जो डायरेक्ट सैलिंग बिज़नेस डिस्ट्रीब्यूटर बने ही थे, राज को SA ४४०० पड़ने के लिए कहा और वे इस अवसर से प्रभावित हुए...