Kanti & Lata Gala
Kanti & Lata Gala (Ex. Scientist Of NASA)
कान्ति एवं लता गाला, दोनों ही इंडिया, मुम्बई से हैं, और उच्च शिक्षा के लिए यूनाइटेड स्टेट आ गए। अपनी डिग्री, फिजिक्स में पूरी करने के बाद, १९७० में कान्ति, यूनाइटेड स्टेट्स पहुंचे, जहाँ उन्होंने अपनी पी, एच. डी. और एम. एस. पूरा किया। लता भी अपनी डिग्री, फिजिक्स में पूरी कर चुकी थीं। और वर्ष १९७० में, एक ट्रिस्ट के तौर पर यूनाइटेड स्टेट्स आयीं, और न्यूक्लियर मेडिसिन की पढ़ाई के लिए यही रुक गयीं। जय कान्ति स्टूडेंट थे, तब ये दोनों मिले, और वर्ष १९७५ में दोनों ने शादी कर ली। अपनी पोस्ट-डॉक्टरल रिसर्च पूरी करने के बाद कान्ति, न्यू जर्मी में एक फार्मास्युटिकल कंपनी में रिसर्च साइंटिस्ट के पद पर काम करने लगे। जल्द ही प्रिंसिपन माइंटिस्ट के नीर पर उनकी पदोन्नति होगी। जता न्यूक्लियर मेडिसिन की एडमिनिस्ट्रेटिव डायरेक्टर थीं।
कान्ति कहते हैं कि "हमें, हमेशा कहा गया कि, एक अच्छी नाफरी की जगह अच्छी एजुकेशन प्रान करो, और हम जीवन में अच्छी तरह से स्थापित हो जायेंगे"। "लेफिन अंदर ही अंदर हम हताश थे। हम कॉस्ट वर्ल्ड से निराश हो चुके थे, और हमें हमारी मेहनत और लगन का उचित परिणाम नहीं मिल रहा था। समय की कमी और जीवन शैली को लेकर हम अक्सर बहाने क्या करते थे। हम वास्तव में जीवन जीने का एक अच्छा तरीका ढूंढ रहे थे।
कान्ति एवं लता की इस व्यवसाय से पहचान १९८५ में हुई। हालाँकि १९८७, जब उनके एक पारिवारिक मित्र ने उन्हें ये योजना फिर से बताई, तब तक वे इस व्यवसाय की वास्तविक क्षमताओं से परिचित नहीं हो पाए थे १९८८ में एक बड़े कार्यक्रम में शामिल होने और इस व्यवसाय में सफल हुए अन्य लोगों से मिलने के बाद, उन्होंने इस व्यवसाय को बढ़ाने का उचित निर्णय लिया। BWW डायमंड्स को, पारिवारिक मूल्य, आत्मसम्मान और आध्यात्मिक मूल्यों के बारे में बोलते हुए देखकर वे उत्साहित हो गए। कॉर्पोरेट वर्ल्ड से उनका ध्यान अब कम होने लगा। अब उनके दिल में, ये व्यवसाय था। और कान्ति और लता को लगता था कि, लोगों की उनके लक्ष्यों तक पहुँचने में मदद करना, अपने सपनों को पूरा करने का एक महान रास्ता है।
लता कहती हैं कि, "हमारे बच्चे केवल ३ और ६ वर्ष के थे। लेकिन हमने उन्हें, इस व्यवसाय को न करने का बहाना बनाने की जगह, इस व्यवसाय को करने की बजह बना लिया "। वर्ष १९९१ में जब वे एमरल्ड बने, तब लाता ने अपनी नौकरी छोड़ दी, और अपने बच्चों, नील एवं अंजलि की, पूरी तरह से देखभाल करने लगीं।
वर्ष १९९३ में कान्ति, उन २० साइंटिस्ट में से थे, जिन्हें पुनर्निर्माण की वजह से अपनी नौकरी गवानी पड़ी। उन १९ लोगों के लिए ये बुरी खबर थी, लेकिन जब कान्ति घर पहुँचे, तो उनके परिवार ने उनके लिए, एक केक तैयार कर रखा था, जिस पर लिखा हुआ था "स्वतंत्र!"।
आज कान्ति एवं लता पूर्ण रूप से माता पिता एवं व्यवसायी हैं। १९९५ में वे डायमंड बने और वर्ष १९९६ में, वे चार एकड़ में बने अपने ६ बेड रूम के घर में रहने लगे जिसके बाहर २५००० गेलन का स्विमिंग पूल था। ये "सपनों का घर", उनकी डाउनलाइन में कइयों के लिए एक प्रेरणा था। लता एवं कान्ति ने, जो अब डबल डायमंड हैं. इस इंडस्ट्री में सबसे तेजी से बढ़ता हुआ आगेनाइजेशन बनाया। इंडिया और यूएस, दोनों ही जगह पर उनके साथ के हजारों लोग, उनके नेतृत्व में काम करने के इच्छुक हैं।
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